धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
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जन्म Shiv chaisa जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल more info तन छार लगाये॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥